विश्व रंग श्रीलंका–2025 का भव्य शुभारंभ

विश्व रंग श्रीलंका–2025 का भव्य शुभारंभ

 दक्षिण एशियाई और दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों में सांस्कृतिक एकता का केंद्र बना कोलंबो

कोलंबो (श्रीलंका)।
भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति के इन्द्रधनुषी रंगों से सजे एशिया के सबसे विराट सांस्कृतिक महोत्सव “विश्व रंग” के सातवें वैश्विक सोपान का शुभारंभ बुधवार को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भव्यता के साथ हुआ।
यह आयोजन विश्व रंग फाउंडेशन (भारत), रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल (भारत), स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र और भारतीय उच्चायोग, कोलंबो के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।

हिंदी विश्व की तीसरी भाषा – संतोष चौबे

कार्यक्रम के उद्घाटन में विश्व रंग के स्वप्नदृष्टा और रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. संतोष चौबे ने कहा—  

“हिंदी आज विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। हमें गर्व है कि हम बीते चार दशकों से हिंदी के संरक्षण, संवर्धन और वैश्विक प्रचार-प्रसार की दिशा में निरंतर कार्यरत हैं। कला, संस्कृति, साहित्य और भाषा में मनुष्य को रचनात्मक रूप से बदलने की शक्ति है। अब समय है कि तकनीक के माध्यम से हिंदी के विस्तार को नई दिशा दी जाए।”

उन्होंने यह भी कहा कि बोलियों और भाषाओं में जीवन का रस है, इसलिए हमें उन्हें भी समान सम्मान देना होगा।

“भाषा का लुप्त होना, पूरी संस्कृति का लुप्त होना है” – पवन वर्मा

विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद, लेखक और राजनयिक श्री पवन वर्मा ने अपने वक्तव्य में दक्षिण एशियाई और दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों के साझा सांस्कृतिक मूल्यों पर बल दिया। उन्होंने कहा—

“हमारे देशों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ें एक हैं। भाषाओं के माध्यम से यह एकता और भी मजबूत हो सकती है। एक भाषा के लुप्त होने का अर्थ है पूरी संस्कृति, लोरियों, गीतों और कहावतों का लुप्त हो जाना।”

भारत–श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊँचाई – महामहिम संतोष झा

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के उच्चायुक्त महामहिम श्री संतोष झा ने कहा कि कोलंबो में विश्व रंग श्रीलंका–2025 का आयोजन दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत को और मजबूती देगा।

हिंदी के लिए श्रीलंका सरकार का समर्थन

श्रीलंका के बुद्धशासन, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री माननीय हिनिदुमा सुनील सेनावी ने कहा कि हिंदी भाषा और संस्कृति को केंद्र में रखकर विश्व रंग श्रीलंका–2025 का आयोजन हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि श्रीलंका सरकार विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में हिंदी शिक्षण को प्रोत्साहन दे रही है।

संवेदनशील संचालन और सांस्कृतिक प्रस्तुति

स्वागत उद्बोधन डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स (निदेशक, विश्व रंग फाउंडेशन) और श्री अंकुरण दत्ता (निदेशक, विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलंबो) ने दिया।
समारोह का संयोजन और संचालन डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स एवं श्री विनय उपाध्याय ने किया, जबकि आभार डॉ. जवाहर कर्नावट (निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र) ने व्यक्त किया।

अतिथियों का स्वागत डॉ. विजय सिंह (कुलपति, स्कोप ग्लोबल स्किल विश्वविद्यालय), डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स और सुश्री अतिला कोतलावल (निदेशक, हिंदी संस्थान, श्रीलंका) द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विश्व रंग की अब तक की यात्रा पर केंद्रित एक प्रभावशाली वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसने उपस्थित जनों को भाव-विभोर कर दिया।

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